हिमांशु साँगाणी गरियाबंद पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क
देवभोग समाधान नाम का शिविर और निराशा नाम की भीड़ देवभोग के सीनापाली गांव में समाधान शिविर में जनता ने दूरी बनाई। कारण? पहले समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, अब जनता को भरोसा नहीं रहा।
गरियाबंद पांच मई को गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक के ग्राम सीनापाली में लगा समाधान शिविर, लेकिन जनता नदारद। हाज़िर थे तो बस अधिकारी, कर्मचारी, कुर्सियाँ और कुछ राजनीतिक चेहरे – यानी समाधानकर्ता अधिक, समस्या लाने वाले कम।

समाधान नाम का शिविर और निराशा नाम की भीड़
समाधान नाम का शिविर और निराशा नाम की भीड़ ,जनता का सवाल जब समाधान नहीं होता, तो क्यों भरें फार्म?
पिछली बार भी आवेदन दिए, आश्वासन मिले – और फिर वही सरकारी चक्कर। नतीजा? इस बार सीनापाली में जनता ने स्पष्ट संकेत दे दिया कि “अब और नहीं”। 167 मांगों में से मात्र 24 का ही समाधान हुआ, बाकी फाइलों में कैद होकर रह गए। ऐसे में ग्रामीण अब मानने लगे हैं – समाधान शिविर नहीं, “आश्वासन मेला” लग रहा है।
खाली कुर्सियाँ बोलीं जनता को भरोसा नहीं रहा
शिविर में कुर्सियाँ तो खूब थीं, लेकिन उन पर बैठने वाले लोग नहीं। गांव वालों का कहना है कि वे हर बार आते हैं, फार्म भरते हैं, फोटो खिंचवाते हैं, लेकिन न तो राशन मिलता है, न मुआवज़ा, न कोई ज़मीन का हल। ऐसे में उन्होंने समाधान शिविर से दूरी बनाना ही बेहतर समझा।
विभाग मौजूद, पर भरोसा नदारद
राजस्व विभाग और पंचायत विभाग के सबसे ज़्यादा आवेदन मिले, मगर हल निकला गिने-चुने मामलों में। कई विभागों से तो कोई शिकायत ही नहीं आई – शायद इसलिए कि लोग मान चुके हैं कि शिकायतों का कोई मतलब नहीं।
अब जनता चाहती है भरोसे का समाधान, कागज़ों का नहीं
जनता कह रही है – “अब हमें फार्म नहीं भरने, समाधान देखने हैं। जब तक काम नहीं होगा, हम भी इन आयोजनों को मज़ाक ही समझेंगे।”
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