हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद “रोजाना 1% मुनाफा कमाने” का सपना दिखाकर “ट्रेड एक्सपो” नामक फर्जी कंपनी ने गरियाबंद जिले में सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया। इस मामले में न केवल आम नागरिक बल्कि सरकारी कर्मचारी, पुलिस कर्मी और शिक्षक भी ठगी का शिकार हुए हैं। आरोपी फर्जी तरीके से निवेश करवाकर करोड़ों की संपत्ति बना चुके हैं, जिनमें गरियाबंद ब्लॉक के एक प्रधान पाठक और आश्रम अधीक्षक का नाम भी सामने आया है।
ठगी का तंत्र: कैसे फंसे लोग?
फर्जी कंपनी ने यूट्यूब पर वीडियो बनाकर और जूम पर मीटिंग लेकर ऐसा माहौल बनाया, जैसे ये कोई मल्टीनेशनल कंपनी हो। “आपका पैसा हमारे पास से दोगुना होकर लौटेगा,” ठगों ने कहा। लेकिन असल में ये पैसा ठगों की जेब में सीधा चला गया, जिससे उन्होंने जमीन-जायदाद और गाड़ियों का साम्राज्य खड़ा कर लिया।
जब निवेशकों को मुनाफा मिलना बंद हुआ और संपर्क टूट गया, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। राजिम निवासी संतोष देवांगन और अन्य पीड़ितों ने इस मामले की शिकायत राजिम थाना में दर्ज कराई है।
आरोपियों की संपत्ति पर सवाल
इस ठगी के प्रमुख आरोपी यशवंत नाग ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। अन्य आरोपियों में राजाराम तारक, शरदचंद शर्मा, और कमलेश साहू जैसे नाम शामिल हैं। इन लोगों ने फर्जी निवेश कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये इकट्ठा किए और जमीन-जायदाद में निवेश किया।
शिकायत के दायरे में कौन?
पीड़ितों का आरोप है कि आरोपियों ने न केवल आम लोगों, बल्कि शासकीय कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को भी अपने जाल में फंसाया। राजिम थाना के अलावा, रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक और छत्तीसगढ़ के पुलिस अधीक्षक को भी लिखित शिकायत भेजी गई है।
समाज पर असर: लालच या भरोसे की कमी?
यह मामला केवल आर्थिक ठगी तक सीमित नहीं है। यह समाज में तेजी से अमीर बनने की मानसिकता और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अंधविश्वास के खतरों को भी उजागर करता है।
आगे का रास्ता
पीड़ितों ने पुलिस से आग्रह किया है कि आरोपियों पर FIR दर्ज कर उनकी संपत्ति जब्त की जाए और उनका मूलधन वापस दिलाया जाए। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है।