हिमांशु ….. पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
टीचर्स की क्लास गरियाबंद में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने सरकार को चार बड़े सवालों की कॉपी थमाई टीईटी अनिवार्यता, पुरानी पेंशन, 20 साल में पूर्ण पेंशन और क्रमोन्नति आदेश की मांग के साथ । छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन का शिक्षकीय मैनिफेस्टो टेट, क्रमोन्नति और पेंशन की नई परिभाषा लिखने की मांग ।
गरियाबंद कक्षा में बच्चों को संविधान समझाने वाले शिक्षक अब खुद शासन को संवैधानिक सबक पढ़ा रहे हैं। बुधवार को छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने गरियाबंद कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर सरकार से चार टॉपिक पर पुनर्विचार करने की मांग रखी टेट की अनिवार्यता, पुरानी पेंशन, 20 साल में पूर्ण पेंशन, और क्रमोन्नति का जनरल ऑर्डर।

टीचर्स की क्लास टेट पर सवाल जो पढ़ा चुके, अब उन्हें फिर से परीक्षा क्यों?
एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर ने व्यंग्य भरे अंदाज़ में कहा शिक्षक वही, किताब वही, स्कूल वही… फिर सरकार को हमसे दोबारा परीक्षा क्यों चाहिए? उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 1 सितंबर 2025 के निर्णय में पाँच साल से अधिक सेवा वाले शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य किया गया है। लेकिन 17 अगस्त 2012 से पहले नियुक्त शिक्षकों पर यह लागू नहीं होना चाहिए। इसलिए सरकार को पुनर्विचार याचिका दायर कर शिक्षकों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
पेंशन में पुरानी कहानी लौटाने की मांग
परमेश्वर निर्मलकर ने कहा कि 1 जुलाई 2018 से सेवा अवधि गिनने के कारण कई एलबी संवर्ग के शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जब से सेवा की शुरुआत हुई, गिनती वहीं से शुरू की जाए वरना यह गणित शिक्षकों के लिए भी मुश्किल है, उन्होंने तंज कसते हुए कहा।
20 साल में पेंशन, वरना 33 साल तक सिलेबस पूरा नहीं होगा
ज्ञापन में भारत सरकार, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के उदाहरण देते हुए कहा गया कि इन राज्यों ने 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया है। छत्तीसगढ़ के शिक्षक भी यही समानता चाहते हैं।साथ ही, उच्च न्यायालय बिलासपुर के फैसले (WA/261/2024, दिनांक 28 फरवरी 2024) का हवाला देते हुए मांग की गई कि सभी पात्र एलबी संवर्ग के शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति/समयमान का जनरल ऑर्डर जारी किया जाए।
हम शिक्षक हैं, ठेकेदार नहीं ज्ञापन सौंपने पहुँचा प्रतिनिधिमंडल
ज्ञापन सौंपने वालों में नंदकुमार रामटेके, सुरेश केला, आर.एन. कंवर, जितेंद्र सोनवानी, सरष सोम और कोमल देवांगन सहित कई शिक्षक मौजूद रहे। वातावरण बिल्कुल स्टाफ रूम जैसा रहा किसी ने सरकारी गणित समझाया, तो किसी ने पेंशन की कॉपी पर हस्ताक्षर कराए।
परीक्षाएं जितनी भी ले मांगो की कॉपी जमा किए बिना नहीं लौटेंगे
सरकार चाहे जितनी परीक्षाएं ले ले, ये शिक्षक अब अपनी मांगों की कॉपी जमा किए बिना घर नहीं लौटेंगे। कलेक्टर ऑफिस आज फिर से एक स्कूल बन गया फर्क बस इतना था कि यहां सवाल शिक्षक पूछ रहे थे।
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