शिक्षा छोड़, मार्केटिंग में व्यस्त शिक्षक , राज्यभर के बाद अब गरियाबंद में कार्रवाई की तैयारी ।

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By Himanshu Sangani

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हिमांशु साँगाणी/ गरियाबंद

गरियाबंद: जिले में शिक्षा विभाग ने विद्यालयीन समय में नेटवर्क मार्केटिंग और हर्बल प्रोडक्ट्स की बिक्री में संलिप्त शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। शिक्षकों की यह संलिप्तता न केवल उनके शिक्षण कार्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि बच्चों की शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। महासमुंद, कोरबा, और बिलाईगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारियों ने पहले ही शिक्षकों से जुड़े ऐसे मामलों की जानकारी जुटाने के लिए नोटिस जारी किए हैं, और दुर्ग जिले में तो ऐसे शिक्षको पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो चुकी है ।

जिले में हर्बल प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने वाले शिक्षको की संख्या सैकड़ो में ।

गरियाबंद में भी इस मुद्दे ने गंभीर रूप लिया है। यहां कई शिक्षकों के विद्यालयीन समय में नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़े होने की शिकायतें सामने आई हैं। आश्चर्यजनक रूप से, कुछ मामलों में पति-पत्नी दोनों ही इस व्यवसाय में शामिल हैं। विद्यालयीन समय में शिक्षकों का ध्यान पढ़ाई से हटकर मार्केटिंग की ओर जाने से शिक्षा की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ता है। विशेष रूप से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में, जहां शिक्षा के सीमित संसाधन हैं और छात्र शासकीय स्कूलों पर निर्भर हैं, यह स्थिति चिंताजनक है।

बिना डिग्री बिना कोर्स के बन गए स्वास्थ्य विशेषज्ञ बन रहे स्वास्थ्य के लिए खतरा।

बाजार में तेजी से बढ़ते हर्बल प्रोडक्ट्स की बिक्री और उनकी मार्केटिंग में जुड़े शिक्षक खुद को स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में पेश कर रहे हैं। जबकि चिकित्सा क्षेत्र में कोई औपचारिक डिग्री इनके पास है ही नही , और न ही स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित किसी पंजीकृत योग्यता के धारी हैं। इसके बावजूद, वे अक्सर मोटिवेशनल स्पीकर और ‘लाइफ कोच’ के रूप में खुद को प्रस्तुत कर, वजन घटाने और सेहतमंद जीवनशैली से जुड़े कई सुझाव देते हैं।

खुलेआम हो रहा सिविल सेवा आचरण का उल्लंघन

शासन के नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों को किसी अन्य व्यवसाय में शामिल होना प्रतिबंधित है। बावजूद इसके, शिक्षकों की इस संलिप्तता ने शिक्षा विभाग की छवि को भी प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये गतिविधियाँ न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि सरकारी सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का भी उल्लंघन कर रही हैं, जो सरकारी कर्मचारियों को अन्य व्यवसायों में संलिप्त होने से रोकता है।

जिला शिक्षा अधिकारी बोले जानकारी जुटा रहे हैं करेंगे कार्रवाई

गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत ने बताया कि सभी संलिप्त शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी ।

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