हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद में समर कैंप नहीं समर रेस्ट चाहिए , कैंप के आदेश पर टीचर्स एसोसिएशन का विरोध, गर्मी की छुट्टियों में कैंप लगाने को लेकर जताई कड़ी आपत्ति। आदेश निरस्त करने की मांग।

समर कैंप नहीं, समर रेस्ट
गरियाबंद के टीचर्स बोले समर कैंप नहीं, समर रेस्ट चाहिए, समर कैंप पूरी तरह से अव्यवहारिक
गरियाबंद गर्मी की छुट्टियों में जब शिक्षक अपने परिवार के साथ रिलैक्स होने की सोच रहे थे, तभी जिला शिक्षा विभाग ने एक चिट्ठी भेज दी – “समर कैंप लगाओ!” बस फिर क्या था, टीचर्स एसोसिएशन गरियाबंद तमतमा उठी। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर ने प्रेस विज्ञप्ति में आदेश को पूरी तरह से अव्यवहारिक बताया। उनका आरोप है कि यह आदेश न केवल शिक्षकों की छुट्टियों पर हमला है, बल्कि बच्चों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ है।
क्या है मामला?
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने 15 अप्रैल को पत्र जारी कर 1 मई से 15 जून तक समर कैंप आयोजन के निर्देश दिए हैं। जबकि इसी अवधि के लिए स्कूल शिक्षा विभाग पहले ही 45 दिन की ग्रीष्मकालीन छुट्टियां घोषित कर चुका है। टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि वे पहले से ही छुट्टियों में विभागीय व गैरविभागीय काम करते हैं, ऊपर से अब समर कैंप भी? ये तो गर्मी में भी पसीना बहाने का फरमान है!
“कैंप लगाओगे तो करेंगे बहिष्कार”
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शिक्षकों पर जबरन समर कैंप संचालित करने का दबाव डाला गया, तो पूरे जिले में इसका जोरदार विरोध और बहिष्कार होगा। संगठन ने जिला शिक्षा विभाग से तत्काल आदेश निरस्त करने की मांग की है।
वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत का कहना है, “पिछले साल भी समर कैंप सफल रहा था। शासन स्तर से भी जल्द निर्देश आने वाले हैं।”
अब देखना यह होगा कि टीचर्स की गर्मी भारी पड़ती है या समर कैंप की ठंडी प्लानिंग।
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