गरियाबंद। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) आर.पी. दास के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बाद शिक्षक संघ ने उनके निलंबन की मांग तेज कर दी है। गरियाबंद टीचर्स एसोसिएशन के शिक्षकों ने बीईओ कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ 7 दिन के अल्टीमेटम की मियाद पूरी होने पर आंदोलन तेज करने का संकेत दिया है। कलेक्टर द्वारा गठित 3 सदस्यीय जांच दल अब इस मामले की जांच करेगा, जिसमें अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय, एसडीएम राकेश गोलछा और जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत शामिल हैं।
नगरी में पहले भी लगे हैं भ्रष्टाचार के आरोप
आर.पी. दास पर इससे पहले नगरी ब्लॉक में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। 2019 में नगरी के 1,200 शिक्षकों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। इन आरोपों में लघु मरम्मत राशि में घोटाला और पे-स्लिप में कमीशन मांगना शामिल था। धमतरी के तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल ने एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर 23 अगस्त 2019 को उन्हें निलंबित कर दिया था।
गरियाबंद में भी भ्रष्टाचार के आरोप, 5 साल से जमे हैं पद पर
हालांकि 2019 में नगरी से निलंबित होने के बाद उन्हें गरियाबंद में बीईओ के पद पर तैनात कर दिया गया। बीते 5 सालों से इस पद पर बने रहने के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के कई और आरोप लगे हैं, जिससे शिक्षक समुदाय परेशान है। शिक्षक संघ ने शिकायत की है कि अवकाश आवेदन, वेतन वृद्धि और अन्य कार्यों के लिए रिश्वत मांगी जाती है।
शिक्षकों का विरोध और कार्रवाई की मांग
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की जिला और ब्लॉक इकाई के शिक्षकों ने बीईओ कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए 50 से अधिक शिक्षकों ने जिलाधीश के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बीईओ आर.पी. दास, सहायक ग्रेड 2 उदय साहू और दीपक साहू के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डिगेश्वर साहू ने भी बीईओ कार्यालय में भ्रष्टाचार की पुष्टि की है।
कुछ शिक्षक कर रहे आर.पी. दास की पैरवी
आर.पी.दास के खिलाफ इतने आरोपो और नगरी में भ्रष्टाचार की कार्यवाही के बावजूद कुछ शिक्षक इस मामले को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं और आर.पी. दास के खिलाफ कार्रवाई न करने की मांग कर रहे हैं। इन शिक्षकों का कहना है कि मामले को तूल देने के पीछे कुछ व्यक्तिगत हित जुड़े हो सकते हैं। बावजूद इसके, गरियाबंद के शिक्षक संघ ने बीईओ पर लगे आरोपों को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग जारी रखी है, जिससे यह मामला और गरमाता जा रहा है। अब देखना यह है कि शिक्षक संघ की मांगों और जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर गरियाबंद में क्या कार्यवाही होती हैं।