हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
1999-2000 बैच के निरीक्षक अब DSP बनेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार ने 55 निरीक्षकों को पदोन्नति दी। विजय शर्मा की त्वरित पहल से पूरा हुआ पुलिस कर्मियों का 25 साल पुराना सपना।
गरियाबंद 25 साल इंतजार के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस को मिला अनुभव का इनाम छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में आज इतिहास लिखा गया। 1999 और 2000 बैच के वे निरीक्षक, जिन्होंने 25 साल तक पदोन्नति का इंतजार किया, आखिरकार उप पुलिस अधीक्षक (DSP) की वर्दी पहनने जा रहे हैं। यह मुमकिन हो पाया है राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा की त्वरित कार्रवाई और संवेदनशील नेतृत्व के चलते।

1999 बैच की 25 साल पुरानी तपस्या पूरी
1999 बैच की 25 साल पुरानी तपस्या पूरी,जब सिस्टम फेल हुआ तब नेता बने सहारा
इन निरीक्षकों की पदोन्नति सालों से रिक्त DSP पदों की सीमित संख्या में अटकी पड़ी थी। केवल 17 रिक्त पद होने के कारण फाइलें धूल खा रही थीं। लेकिन जब प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की, तो उन्होंने सिर्फ आश्वासन नहीं दिया, एक्शन लिया।तत्काल प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा गया, जहां से स्वीकृति मिलते ही 55 निरीक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
सिर्फ DSP नहीं, ये हैं छत्तीसगढ़ पुलिस की रीढ़
इनके साथ-साथ रक्षित निरीक्षक, विशेष शाखा, आर्म्स शाखा और कंपनी कमांडर पदों से भी कई अधिकारी सहायक सेनानी पद पर पदोन्नत किए गए हैं। कुल मिलाकर 65 अफसरों को उनके संघर्ष, वरिष्ठता और कर्मठता का सम्मान मिला।
विजय शर्मा का बयान यह सिर्फ प्रमोशन नहीं, भरोसे की जीत है
ये सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि उन अधिकारियों के समर्पण और अनुशासन को सम्मान देने की प्रक्रिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार हर विभाग में समय पर पदोन्नति सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।
पुलिस विभाग को मिला अनुभवी नेतृत्व, कानून-व्यवस्था होगी और मजबूत
अब मैदान में उतरेंगे अनुभव और विवेक से लैस DSP, जो जनता की सेवा को नया आयाम देंगे। यह कदम केवल अधिकारियों की जिंदगी नहीं, बल्कि पूरे पुलिस सिस्टम की ऊर्जा को नई दिशा देगा।
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