जगन्नाथ हॉस्पिटल राजिम में आयुष्मान योजना की नहीं है मंजूरी, फिर भी मुफ्त इलाज के नाम पर चल रहा कैश कलेक्शन सेंटर CMHO बोले होगी नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई ।

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

जगन्नाथ हॉस्पिटल राजिम में आयुष्मान कार्ड के नाम पर फर्जीवाड़ा! CMHO गरियाबंद बोले- नहीं है योजना की मान्यता, नर्सिंग होम एक्ट के तहत होगी कार्रवाई। पढ़ें पैरी टाईम्स 24×7 पर पूरी रिपोर्ट।

गरियाबंद फ्री इलाज करवा लो, बस 25 हजार दे दो ये कोई नया सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि राजिम के पथर्रा में स्थित श्री जगन्नाथ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का हेल्थ बिजनेस मॉडल है। मरीज को पहले आयुष्मान कार्ड दिखाकर अस्पताल में दाखिल किया जाता है, और फिर धीरे-धीरे अस्पताल की बिलिंग मशीन ‘इमोशनल ब्लैकमेल’ मोड पर आ जाती है।

जगन्नाथ हॉस्पिटल राजिम

जगन्नाथ हॉस्पिटल राजिम

जगन्नाथ हॉस्पिटल राजिम पहले बोले आयुष्मान से होगा इलाज फिर मांगे पैसे

ताजा मामला भिलाई की 60 वर्षीय बिरझा बाई नवरंगे का है, जो तर्रा में रिश्तेदारी निभाकर लौट रही थीं, लेकिन रास्ते में हादसे का शिकार हो गईं। स्कैन-वार स्कैन करते हुए उन्हें आयुष्मान कार्ड पर फ्री इलाज के नाम पर जगन्नाथ हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। मगर वहां पहुंचते ही डॉक्टरी इलाज से ज्यादा, कैश का इलाज शुरू हो गया सीधा 25 हजार का बिल थमा दिया गया। शुक्र है कि मीडिया वाले मौके पर पहुंच गए, वरना शायद आयुष्मान कार्ड भी गिरवी रखना पड़ता।

ईलाज के नाम पर भर्ती मरीज को कर दिया घायल

परिजन यह भी बता रहे हैं कि हॉस्पिटल स्टाफ की सावधानी इतनी ज्यादा थी कि बेड बदलते समय बिरझा बाई नीचे गिर गईं मतलब इलाज से पहले हॉस्पिटल ने गिरा दिया, और फिर उठाने का चार्ज मांगा गया!

मामला खुला तो डॉ बोले नहीं है आयुष्मान का पंजीयन

डॉ. आयुष शर्मा और डॉ. श्वेता पांडे ने भी खुद स्वीकार किया कि अस्पताल को योजना की मान्यता नहीं है, फिर भी वहां आयुष्मान भर्ती योजना जारी है यानी मरीज भर्ती हो रहा है, योजना नहीं।

अब इस पूरे मामले पर गरियाबंद के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. यू.एस. नवरत्न ने गंभीर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा

मामले की जानकारी मिली है, जगन्नाथ हॉस्पिटल का आयुष्मान योजना के तहत कोई पंजीयन नहीं है। जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही नर्सिंग होम एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय ग्रामीणों में नाराजगी

स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है — अगर जल्दी कार्रवाई नहीं हुई, तो अगला आंदोलन भी मुफ्त नहीं होगा, उसकी भी बिलिंग होगी।

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अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

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