हिमांशु साँगाणी गरियाबंद
गरियाबंद की राजनीतिक गलियों में इस वक्त कांग्रेस पार्टी के पार्षदों की सूची को लेकर जो सस्पेंस और ड्रामा चल रहा है, वह किसी बड़े ओटीटी सीरीज से कम नहीं लग रहा। भारतीय जनता पार्टी ने जब शनिवार को ही अपने अध्यक्ष और पार्षद प्रत्याशियों की पूरी टीम घोषित कर दी, तब कांग्रेस का यह ‘लास्ट मिनट ड्रामा’ चर्चा का केंद्र बन गया।

सूत्रों की माने तो, कांग्रेस ने देर रात गैंदलाल सिन्हा को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार घोषित तो कर दिया। लेकिन इसके बाद जो मंथन शुरू हुआ, वह थमने का नाम नहीं ले रहा। पार्टी अब तीन अन्य प्रबल दावेदारों – राजेश साहू, संदीप सरकार और छगन साहू – को संतुष्ट करने के लिए पार्षद पद की गोटी बिठाने में लगी हुई है।
गुटबाजी और समीकरण: कांग्रेस का ‘दमदार प्लॉट’ गुटबाजी और जातिगत समीकरणों ने कांग्रेस के इस राजनीतिक सस्पेंस में तड़का लगा दिया है। पार्टी के अंदर कुछ बड़े नाम ऐसे हैं जो निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनावी मैदान में उतरने की धमकी दे रहे हैं। अब कांग्रेस को डर है कि ये ‘राजनीतिक बागी’ कहीं उनके समीकरणों का कचूमर न निकाल दें।
नामांकन की घड़ी और ‘सस्पेंस’ का क्लाइमैक्स नामांकन की अंतिम तारीख नजदीक है, लेकिन कांग्रेस के पास अभी भी पार्षदों की सूची तैयार नहीं है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नामों की घोषणा आज देर शाम तक हो सकती है। अब देखना यह है कि यह सस्पेंस कब खत्म होता है और कांग्रेस का यह ‘डैमेज कंट्रोल प्लान’ कितना सफल होता है।
गरियाबंद की जनता इस पूरी राजनीतिक हलचल को मनोरंजन को देख रही है। बीजेपी अपनी रणनीति से एक कदम आगे नजर आ रही है, तो कांग्रेस का ‘लास्ट मिनट शो’ देखने लायक होगा।
तो क्या कांग्रेस की ‘देर रात’ रणनीति उन्हें जीत दिलाएगी, या फिर गुटबाजी का खेल उल्टा पड़ जाएगा? यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल, गरियाबंद की राजनीति का यह ‘रियलिटी शो’ अपने अगले एपिसोड के लिए तैयार है!
पैरी टाइम्स के साथ पढ़ते रहिए, गरियाबंद की राजनीति का यह ‘हाई-वोल्टेज ड्रामा’!