हिमांशु साँगाणी गरियाबंद
गरियाबंद: कुल्हाड़ीघाट के जंगलों में पिछले 45 घंटे तक चले ऐतिहासिक मुठभेड़ में सूत्रों की माने तो सुरक्षा बलों द्वारा 27 नक्सलियों को मार गिराने की खबर है। 21 जनवरी की शाम तक हुई मुठभेड़ में 14 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए है । भालूडिग्गी के पहाड़ में मुठभेड़ अभी भी जारी है । अधिकारी नक्सलियों के मरने के आंकड़े बढ़ने का दावा भी कर रहे है । यह ऑपरेशन गरियाबंद के इतिहास में सबसे बड़ा और सफल नक्सली विरोधी अभियान माना जा रहा है। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबल मैनपुर लौट आए हैं और नक्सलियों के शवों को करीब 6 से 7 वाहनों में जिला मुख्यालय ले जाया जा रहा है।
1 करोड़ का ईमानी नक्सली जयराम चलपती।

ऑपरेशन की रणनीति और सफलता:
गरियाबंद के जंगलों में इस अभियान को अंजाम देने के लिए सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की हर गतिविधि पर सटीक नजर रखी। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों का एक बड़ा समूह घेराबंदी में फंस गया। सुरक्षाबलों की रणनीतिक योजना और जमीनी इंटेलिजेंस की मदद से उन्हें मार गिराया गया।
इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन:
गरियाबंद जिले में इससे पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी ऑपरेशन नहीं देखा गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सफलता जिले के नक्सली प्रभाव को कमजोर करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इस मुठभेड़ में 1 करोड़ का ईनामी नक्सली जयराम चलपति भी मारा गया है इसके अलावा 25 लाख का इनामी नक्सली गुड्डू जो कि सीता नदी एरिया का जोनल कमांडर भी मारा गया है
प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलेंगे ऑपरेशन के राज:
इस ऑपरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए आज रात 8:30 बजे गरियाबंद पुलिस लाइन में पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज और अन्य वरिष्ठ अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। मीडिया के सभी प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
सुरक्षा बलों का साहसिक प्रदर्शन:
45 घंटे तक लगातार चलने वाले इस ऑपरेशन ने सुरक्षाबलों के साहस और समर्पण को साबित किया है। स्थानीय लोगों और प्रशासन ने इस ऐतिहासिक सफलता पर सुरक्षाबलों की सराहना की है।
क्या कहता है भविष्य?
यह मुठभेड़ नक्सल प्रभाव को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है। आने वाले दिनों में नक्सली गतिविधियों पर इसका कितना असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।