हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद के तालाबों में तैर रही विकास की फाइलें गरियाबंद नगर पालिका द्वारा स्वीकृत 4.25 करोड़ की तालाब सौंदर्यीकरण योजना में एक साल बाद भी काम अधूरा, अब नगर पालिका सीईओ ने ठेकेदारों को भेजा नोटिस। पढ़िए पैरी टाइम्स की ग्राउंड रिपोर्ट ।
गरियाबंद नगर पालिका को शहर के चार ऐतिहासिक तालाबों को संरक्षित करने के उद्देश्य से सौंदरीकरण एवं जीणोद्धार करने का प्रस्ताव रखा गया । फिर क्या था । योजनाएं बनीं, फाइलें चलीं, बजट भी स्वीकृत हुआ और लगभग 4 करोड़ 25 लाख रुपये की बड़ी रकम इनकी खूबसूरती पर खर्च करने का सपना बुन लिया गया। छीन तालाब और देवानीन तालाब का सौंदर्यीकरण तो सबसे खास था 23 सितंबर 2023 को अनुबंध भी हो गया, शर्तें भी रखी गईं । 8 महीने में काम पूरा करो, बारिश को छोड़कर. ठेकेदारों ने भी सिर हिलाया… और शायद उसी दिन से काम छोड़ो मोड में चले गए।

गरियाबंद के तालाबों में तैर रही विकास की फाइलें
गरियाबंद के तालाबों में तैर रही विकास की फाइलें थोड़ा-थोड़ा काम, खूब-खूब वादे!
सौंदरीकरण एवं जीणोद्धार के नाम पर छीन तालाब देवानीन तालाब,नया तालाब और रावण भाटा तालाब को संरक्षित करने की पहल शुरू की गई । छीन तालाब और देवानीन तालाब का इतिहास तो काफी पुराना मगर यह दोनों तालाब स्थानीय लोगों की आस्था से भी जुड़े हुए हैं छीन तालाब में जहां गणेश और दुर्गा का विसर्जन होता है तो वहीं देवानीन तलाब में शीतला मंदिर के ज्वारों का विसर्जन होता है । अब सुनिए जमीनी हकीकत इन तालाबों में कहीं 10%, कहीं 15% काम हुआ भी था, कुछ कुदाली चली, कहीं एकाध ट्रॉली मिट्टी भी गिरी, लेकिन फिर विकास की नींद लग गई। आज की तारीख में तालाब किनारे न ठेकेदार दिखते हैं, न मजदूर, बस पोस्टर और बैनर में तालाब मुस्कुरा रहे हैं।

नगर पालिका सीईओ ने दिखाए सख्त तेवर, ठेकेदारों को नोटिस जारी
अब जब बारिश की आहट होने लगी है और लोग पूछने लगे कि तालाब सुंदर कब होंगे तो नगर पालिका के सीईओ गिरीश कुमार ने कमर कसी है। उन्होंने कहा
उनके द्वारा ठेकेदारों को पहला नोटिस दे चुके हैं, दूसरा नोटिस भी जल्द जारी करेंगे, और अगर फिर भी कोई हलचल नहीं हुई तो तीसरे नोटिस के बाद कड़ी कार्रवाई तय है । और अगर जरूरत पड़ी तो उनको ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है

जनता पूछ रही ये सौंदर्यीकरण था या स्लो मोशन मूवी ?
स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि सवाल पूछ रहे हैं कि जिन तालाबों से पानी नहीं मिल रहा, वहां अब सब्र भी सूखने लगा है। आखिर इतना पैसा, इतनी योजना और इतना इंतजार ये किसी कला फिल्म का हिस्सा था क्या?
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