गरियाबंद, छत्तीसगढ़ – रेत माफियाओं पर नकेल कसते हुए प्रशासन ने परसदाजोशी गांव में अवैध उत्खनन के आरोप में चार लोगों पर 4 करोड़ 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस कार्रवाई ने न केवल जिले में चर्चा का माहौल बनाया है, बल्कि यह प्रशासन की सख्त मंशा को भी दर्शाती है कि अवैध खनन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
परसदाजोशी के खसरा नंबर 01 में स्थित रेत खदानों का पट्टा 16 नवंबर 2023 को समाप्त हो चुका था। लेकिन संकल्प जंघेल और उनके साथियों—पूर्व सरपंच सुनीता सोनी, उनके पति बेनराज सोनी और हार्दिक सोनवानी—ने अवैध रूप से खनन जारी रखा। यह खनन 80,000 घनमीटर से अधिक रेत का था, जिसे बिना किसी वैध अनुमति के निकाला गया, जिससे स्थानीय पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा।
जिला प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की जांच के बाद आरोपियों पर एम.एम.डी.आर. एक्ट 1957 और छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 के तहत जुर्माना ठोका है। कलेक्टर महोदय ने साफ तौर पर कहा है कि जिले में अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और ऐसे मामलों में कड़ी सजा दी जाएगी।
रेत माफियाओं की इस हरकत से नाराज स्थानीय लोगों का मानना है कि इस कार्रवाई से ऐसे तत्वों पर अंकुश लगेगा जो नियमों की धज्जियां उड़ाकर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे थे।इस सख्ती से प्रशासन ने अवैध खनन रोकने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है, वही इस मामले में यदि जुर्माना तय समय में जमा नहीं किया गया, तो प्रशासन आरोपियों पर और कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार है।