हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
Pairi Times की खबर का असर गरियाबंद कलेक्टर ने सभी अफसरों और कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने का आदेश जारी किया। जानिए क्या है पूरा मामला।
गरियाबंद में चल रही ‘अप-डाउन अफसरशाही’ पर अब ब्रेक लग गया है। Pairi Times 24×7 की सनसनीखेज रिपोर्ट ‘गरियाबंद की विडंबना: अफसर कम, बस स्टैंड ज्यादा‘ ने जिला प्रशासन की नींद खोल दी है। अब गरियाबंद कलेक्टर भगवान सिंह उइके ने सख्त आदेश जारी करते हुए सभी कार्यालय प्रमुखों और कर्मचारियों को मुख्यालय में अनिवार्य निवास का फरमान सुनाया है।
यह थी खबर जिसका हुआ असर …...गरियाबंद की विडंबना अधिकारियों की तर्ज पर अब कर्मचारी भी करने लगे हैं अप डाउन

Pairi Times की खबर का असर
Pairi Times की खबर का असर ,कलेक्टर का आदेश: अब न चलेगा अप-डाउन, वरना कार्रवाई तय!
कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेश (क्रमांक 168 / कले / स्टेनो / 2025) में साफ लिखा गया है:
अब अफसरों को बस स्टैंड की बजाय, अपने दफ्तर और घर गरियाबंद में ही बनाने होंगे। साथ ही, सभी को तीन दिन के भीतर मुख्यालय निवास का पता भी जमा करना होगा।
"कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बिना सक्षम स्वीकृति के मुख्यालय से बाहर पाया गया, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।"

VIP अप-डाउन सेवा पर कटा टिकट!
राजिम से चलने वाली भगत ट्रैवल्स और मां परमेश्वरी ट्रैवल्स की ‘सरकारी VIP बस सेवा’ पर अब प्रश्नचिन्ह लग गया है। अफसरों के ‘बैग-पास-पैसेंजर’ मोड पर अब विराम लगना तय है। टैक्सी यूनियन और RTO पहले ही इस ट्रेंड को नियम विरुद्ध बता चुके थे।
Pairi Times की रिपोर्ट बनी चेतावनी की घंटी
हमने सवाल उठाया था – “क्या गरियाबंद बस स्टैंड बनकर रह जाएगा?”
और अब ज़वाब मिला – “नहीं, अफसर यहीं रुकेंगे और यहीं काम करेंगे!”
यह फैसला सिर्फ अफसरों के ठहराव की नहीं, विकास की स्थायित्व की नींव है।
जनता बोली कलेक्टर के आने के बाद अब कुछ उम्मीद जगी है!
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नए कलेक्टर भगवान सिंह उइके के आने और इस अपडाउन वाले मामले को गंभीरता से लेने उनकी उम्मीद जागी है अगर अफसर वास्तव में यहीं रहेंगे, तो स्कूलों, अस्पतालों और पंचायतों की सुध लेने वाला कोई होगा। “अब विकास सिर्फ मीटिंग में नहीं, जमीनी हकीकत में दिखना चाहिए।”
Pairi Times 24×7 की अपील
गरियाबंद के विकास को लेकर हमने आवाज़ उठाई, हमने उसे मंच दिया और अब प्रशासन ने कदम उठाया। यही है लोक पत्रकारिता की ताकत ।
अब अगली रिपोर्ट में जानिए – क्या अफसर सच में मुख्यालय में टिक पाएंगे या फिर आदेश बनेगा औपचारिकता?
जुड़े रहिए – Pairi Times 24×7 के साथ!
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