हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद जिला अस्पताल में फर्जी हाजिरी और सैलरी उठाने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों की मौज अब खत्म होने जा रही है। महिला आयोग और विधायक के औचक निरीक्षण में खुलासे के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब अस्पताल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे डॉक्टरों और स्टाफ की उपस्थिति को ऑनलाइन मॉनिटर किया जाएगा।

Pairi Times 24×7 की खबर का असर
Pairi Times 24×7 ने कुछ दिन पहले “गोलमाल है भाई, सब गोलमाल है” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी, जिसमें अस्पताल में फर्जी अटेंडेंस के खेल का पर्दाफाश किया गया था। इस खबर के बाद स्थानीय जनता और नेताओं ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और जिला प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की। अब, कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इस अटेंडेंस घोटाले पर रोक लगाने के लिए डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली लागू करने का फैसला किया है।
क्या था अटेंडेंस घोटाला?
कुछ दिन पहले महिला आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा और राजिम विधायक रोहित साहू ने गरियाबंद जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान अटेंडेंस रजिस्टर की जांच में पाया गया कि—
✔ कई डॉक्टर और कर्मचारी बिना अस्पताल आए ही हाजिरी दर्ज कर रहे थे।
✔ कई मामलों में कर्मचारी महीने भर गायब रहने के बावजूद सैलरी उठा रहे थे।
✔ मरीजों को डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण घंटों इंतजार करना पड़ रहा था।
अब नहीं चलेगा ‘जुगाड़’, सिर्फ बायोमेट्रिक अटेंडेंस ही मान्य होगी
कलेक्टर दीपक अग्रवाल के नए आदेश के अनुसार—
✔ अब अस्पताल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जाएगा।
✔ सभी कर्मचारियों को एनआईसी के बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर से हाजिरी लगानी होगी।
✔ स्टाफ को अपने मोबाइल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस ऐप डाउनलोड करना होगा।
✔ यह ऐप फेस रिकॉग्निशन तकनीक से हाजिरी लगाएगा, जिससे धोखाधड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी।
✔ अटेंडेंस सिर्फ अस्पताल परिसर के अंदर रहकर ही दर्ज की जा सकेगी।
अब मरीजों को मिलेगा सही इलाज ?
प्रशासन का दावा है कि अब डॉक्टरों और कर्मचारियों की उपस्थिति को रियल टाइम में ट्रैक किया जाएगा, जिससे फर्जी हाजिरी और अस्पताल की अव्यवस्था पर रोक लगेगी। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि— क्या यह सिस्टम पूरी तरह से इस घोटाले को खत्म कर पाएगा, या इसमें भी कोई ‘जुगाड़’ निकाल लिया जाएगा?
Pairi Times 24×7 इस पूरे मामले पर नजर बनाए रखेगा। अगर आप अस्पताल में इलाज के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही या स्टाफ की गैर-मौजूदगी देखते हैं, तो हमें जरूर बताएं!