हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद में जंगल का राजा जिले के मालगांव के पास कोदोबतर ग्राम में जंगल का राजा टाइगर बैठा देखा गया। पांडुका और नागझर के बाद अब यहां गूंजी शेर की दहाड़, ग्रामीणों में दहशत।
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गरियाबंद जिले के शांत जंगलों में इस समय सनसनी फैल गई है। बीते कुछ दिनों से लगातार जंगल का असली राजा टाइगर यहां देखा जा रहा है। सबसे पहले इसकी मौजूदगी उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में दर्ज की गई थी, जिसकी पुष्टि खुद वन विभाग के उप निदेशक वरुण जैन ने की थी।

गरियाबंद में जंगल का राजा दो बार पहले भी आ चुका है नजर
इसके बाद 9 सितंबर को पांडुका रेंज के ग्राम नागझर में टाइगर के पंजों के ताजा निशान मिले थे। अब ताजा घटनाक्रम में, मालगांव के पास स्थित कोदोबतर ग्राम में ग्रामीणों ने टाइगर को मंदिर के पास खुलेआम बैठे देखा। अचानक सामने आए इस नजारे से गांव में अफरा-तफरी मच गई। श्रद्धालु और ग्रामीण दौड़ते हुए अपने-अपने घरों में दुबक गए और तुरंत वन विभाग को सूचना दी।
वन विभाग सतर्क, ग्रामीणों को चेतावनी
वन विभाग की टीम ने कोदोबतर गांव के आसपास गश्त बढ़ा दी है। ग्रामीणों को जंगल और सुनसान इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि टाइगर अपने शिकार की तलाश में गांव के आसपास मंडरा रहा हो सकता है।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतने नजदीक शेर को देखा। जहां एक ओर भय का माहौल है, वहीं युवाओं में इसे लेकर रोमांच और कौतूहल भी साफ दिख रहा है। कई लोग मानते हैं कि यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि गरियाबंद का जंगल अब भी वन्यजीवों से भरापूरा है।
ग्रामीणों के लिए रोमांच मगर विभाग के लिए चुनौती
गरियाबंद में टाइगर का दिखना सिर्फ रोमांचक घटना नहीं, बल्कि वन विभाग के लिए भी बड़ी चुनौती है। अब देखना होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की सुरक्षा और टाइगर की गतिविधियों पर किस तरह नियंत्रण रखता है।
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