गरियाबंद छत्तीसगढ़ सरकार के गठन के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने 9 दिसंबर से 20 दिसंबर 2024 तक गरियाबंद वन मंडल के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया। इसके तहत 9 से 11 दिसंबर तक आयोजित वन चौपाल में वन प्रबंधन समितियों, स्व-सहायता समूहों और अन्य वन हितग्राहियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में सरकार की सुशासन की उपलब्धियां साझा की गईं और हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।
तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए राहत भरी खबर,किसान वृक्ष मित्र योजना का विस्तार
गरियाबंद तेन्दूपत्ता संग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक को ₹4000 से बढ़ाकर ₹5500 कर दिया गया है। इस कदम से केवल गरियाबंद वनमंडल में ही 5794 नए संग्राहक जुड़ गए, और पिछले वर्ष की तुलना में ₹10.84 करोड़ का अतिरिक्त पारिश्रमिक वितरित किया गया । वन विभाग ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत 5 एकड़ भूमि पर मुफ्त 5000 पौधे लगाने की सुविधा दी। गरियाबंद में इस योजना के अंतर्गत 792 किसानों ने 1374.986 एकड़ भूमि पर 9.15 लाख पौधे लगाए।
वन अधिकारों का सशक्तिकरण,आर्थिक सहायता और रोजगार सृजन ।
अब तक गरियाबंद वनमंडल में 4349 हितग्राहियों को 4016.522 हेक्टेयर भूमि पर व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्रदान किए गए हैं। वन प्रबंधन समितियों के खाते में उपलब्ध राशि का उपयोग ग्रामीणों के सशक्तिकरण और रोजगार मूलक कार्यों के लिए किया जा रहा है। स्व-सहायता समूहों को 4% ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
मानव-वन्यजीव द्वंद पर ठोस पहल
कार्यक्रम में मानव-हाथी द्वंद रोकने और वन्यजीवों से होने वाले नुकसान की भरपाई पर भी चर्चा की गई। मुआवजा राशि में वृद्धि की गई है, जैसे:
मृत्यु पर ₹6 लाख
स्थायी अपंगता पर ₹2 लाख
फसल नुकसान पर ₹9000 प्रति एकड़
लघु वनोपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी
कोदो, कुटकी, रागी, लाख, शहद जैसे उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।