गरियाबंद के कोडोहरदी गांव में शराबी प्रधान पाठक से परेशान ग्रामीणों ने स्कूल में ताला जड़ा। अब जिला शिक्षा अधिकारी ने दी कार्रवाई की चेतावनी। पढ़िए Pairi Times 24×7 की रिपोर्ट।
गरियाबंद। कभी कहा जाता था गुरु बिन ज्ञान नहीं लेकिन अब तो हालात ऐसे हैं कि शराब बिन प्रधान पाठक नहीं गरियाबंद जिले के कोडोहरदी गांव की प्राथमिक शाला इन दिनों शिक्षा से ज्यादा नशा चर्चा का विषय बनी हुई है। प्रधान पाठक टंकेश्वर सोम के शराब पीकर स्कूल आने की हरकतों से तंग आकर आखिरकार ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया।

गांव में शिक्षा नहीं, नशे का पाठ पढ़ा रहे सर
बताया जा रहा है कि प्रधान पाठक महोदय लगभग रोजाना शराब का सेवन कर स्कूल पहुंचते थे। बच्चों के सामने उनकी डगमग चाल और शराब की गंध अब गुरुकुल को मदिरालय में बदल चुकी थी। कई बार समझाने के बावजूद जब सुधार नहीं आया, तो छात्रों के परिजनों ने शिक्षा की रक्षा में खुद कमान संभाली और स्कूल का दरवाजा बंद कर दिया।

ग्रामीण बोले जब शिक्षक नशे में हो, तो बच्चों को कौन पढ़ाएगा?
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी इस पूरे मामले की लिखित शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को दी थी, लेकिन विभाग ने कार्यवाही पर मौन व्रत धारण कर लिया। नतीजा यह हुआ कि शिक्षक के हौसले और बुलंद हो गए। अब गांव वालों का कहना है कि जब तक टंकेश्वर सोम को हटाया नहीं जाता, स्कूल का ताला नहीं खुलेगा।
शिक्षा विभाग की चुप्पी टूटी, कार्रवाई का भरोसा
इस पूरे मामले को लेकर गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश सिंह धीर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का आवेदन उन्हें प्राप्त हुआ है और बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) के माध्यम से मामले की जानकारी ली गई है। अधिकारी ने कहा कि प्रधान पाठक टंकेश्वर सोम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जल्द की जाएगी।
जब शिक्षक ही शराबी बन जाए तो बच्चे कहां जाए
जब प्रधान पाठक प्रधान शराबी बन जाए और शिक्षा विभाग प्रधान मौन, तो शिक्षा का नशा उतरना तो तय है। अब देखना यह है कि विभाग की अनुशासनात्मक कार्यवाही फाइल में जाती है या वास्तव में किसी बोतल का ढक्कन बंद होता है। सवाल सिर्फ इतना है क्या अब किसी और स्कूल में भी ताला लगाओ आंदोलन की तैयारी है?