रवि कुमार / दुर्ग
दुर्ग के व्यवसायिक समुदाय में हाल ही में हुई एक घटना ने सभी को अचंभित कर दिया है। स्थानीय जूता-चप्पल व्यापारी, विकास गंगवानी ने अपनी प्रतिष्ठा और सामाजिक दबाव से बचने के लिए खुद के ऊपर ‘लूट का नाटक’ रचा। उसने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी आंखों में मिर्च झोंककर अज्ञात लुटेरों ने सात लाख रुपये लूट लिए। जांच में जब पुलिस ने गहराई से मामले की पड़ताल की, तो सारा सच सामने आ गया।
भारी कर्ज बना झूठी रिपोर्ट की वजह ।
गंगवानी के इस कदम के पीछे की वजह थी—भारी कर्ज और उससे जुड़ी सामाजिक शर्मिंदगी। कर्ज में डूबे व्यापारी ने अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने और देनदारों के सवालों से बचने के लिए खुद पर हमले की यह कहानी गढ़ी। इस घटना ने दिखाया कि कभी-कभी आर्थिक संकट व्यक्ति को अपनी सामाजिक छवि बचाने के लिए ऐसे हताश कदम उठाने पर मजबूर कर देता है।
पुलिस की जांच में खुल गई पोल ।
जब पदमनाभपुर पुलिस और एसीसीयू टीम ने इस घटना की तहकीकात की, तो असली सच्चाई सामने आई—यह लूट पूरी तरह से फर्जी थी। गंगवानी का यह कदम आर्थिक दबाव के चलते उठाया गया एक हताशा भरा प्रयास था। पुलिस ने इस फर्जी रिपोर्ट के मामले में विकास गंगवानी को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना एक चेतावनी है कि समाज में ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में लोग ऐसे खतरनाक कदम उठाने से पहले सोचें।