हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
अम्बिकापुर के होटल में छुपी थीं 35 रहस्यमयी महिलाएं राजस्थान से आई 35 महिलाएं बच्चों समेत संदिग्ध हालात में छुपी मिलीं। पुलिस जांच के दौरान दस्तावेज नहीं मिलने पर हड़कंप मच गया। जानिए पूरी कहानी।
गरियाबंद अम्बिकापुर शहर में कल उस वक्त अचानक सनसनी मच गई जब कोतवाली पुलिस को मुखबिर से मिली सूचना पर होटल दिहल प्लेस के एक हॉल में छापा मारना पड़ा। छापे के दौरान वहां राजस्थान से आई 35 महिलाएं और कई बच्चे संदिग्ध परिस्थितियों में छिपे पाए गए।

अम्बिकापुर के होटल में छुपी थीं 35 रहस्यमयी महिलाएं
अम्बिकापुर के होटल में छुपी थीं 35 रहस्यमयी महिलाएं, हॉल का दरवाजा खोलते आंखें फटी की फटी रह गई
होटल का वह हॉल मानो किसी गुप्त आश्रय स्थल में बदल गया था। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो पहले तो सबकुछ सामान्य लगा, लेकिन दस्तावेज जांच शुरू होते ही मामला गहराने लगा। कई महिलाओं के पास कोई वैध पहचान पत्र या रजिस्ट्रेशन दस्तावेज नहीं थे। इस पूरी कार्रवाई के दौरान सबसे चौंकाने वाली बात रही पुलिस की लापरवाही। स्थानीय लोगों के अनुसार, पुलिस ने दस्तावेज नहीं होने के बावजूद सभी संदिग्धों को होटल से भगाकर चलता कर दिया, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ने बताया कि,
“मौके पर दस्तावेजों की जांच की गई है, कुछ लोगों के पास वैध कागजात नहीं मिले। कोतवाली थाने द्वारा जांच जारी है। होटल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में सभी मुसाफिरों का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए।”
अब बड़ा सवाल ये है कि
क्या ये महिलाएं किसी गिरोह का हिस्सा थीं?
क्या यह कोई मानव तस्करी या धर्मांतरण जैसी गतिविधि का संकेत है? या फिर सिर्फ कागजी लापरवाही थी?
कोतवाली थाना क्षेत्र की पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया
कोतवाली पुलिस अब गहराई से जांच में जुट गई है। होटल प्रबंधन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। एक ओर जहां छत्तीसगढ़ पुलिस सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के दावे कर रही है, वहीं इस तरह के मामले सामने आना कई गंभीर सवाल खड़े करते हैं। अम्बिकापुर की जनता अब जवाब मांग रही है – क्या सचमुच सिर्फ दस्तावेजों की चूक थी या पर्दे के पीछे कुछ और चल रहा था?
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