हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
वक्ता मंच का संकल्प रायपुर में वक्ता मंच द्वारा आयोजित पत्रकारिता गौरव सम्मान समारोह में प्रदेश भर के 100 पत्रकार होंगे सम्मानित, चौथे स्तंभ पर होगी विशेष परिचर्चा।
गरियाबंद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस रविवार पत्रकारों की कलम को मिलेगा सम्मान और शायद कुछ सेकंड का सुकून भी, जब मंच से आवाज़ आएगी अब मंच पर पधारें फलां पत्रकार, जिन्होंने बिना डर के स्टोरी की थी…जी हां, प्रदेश की जानी-मानी सामाजिक-साहित्यिक संस्था वक्ता मंच द्वारा 8 जून को शाम 5 बजे वृंदावन सभागृह, सिविल लाइंस में आयोजित किया जा रहा है स्व. बंशीलाल शर्मा स्मृति पत्रकारिता गौरव सम्मान समारोह।
इस समारोह में प्रदेश के 100 पत्रकारों को सम्मानित किया जाएगा वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी कलम नहीं रोकी, सिर्फ पेन की स्याही खत्म की!

वक्ता मंच का संकल्प
वक्ता मंच का संकल्प, चौथा स्तंभ अब परिचर्चा में…
कार्यक्रम में पत्रकारिता की दशा-दिशा पर भी एक शिष्ट परिचर्चा रखी गई है विषय है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ: संभावनाएं एवं चुनौतियां । उम्मीद है, इसमें चौथे स्तंभ के झुकाव, दबाव जैसे मौलिक मुद्दों पर भी खुलकर बात होगी। बातचीत करेंगे वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद् जो आज भी पत्रकारिता को एक मिशन मानते हैं, न कि सिर्फ एक स्पॉन्सर्ड रिपोर्ट।
चयन समिति का विशेष धन्यवाद
सम्मान के चयनकर्ता हैं पं. पी. के. तिवारी (दैनिक दबंग स्वर) और शिव शंकर सोनपिपरे (सर्वोच्च छत्तीसगढ़)। यानी, चयन भी अनुभवी आंखों से हुआ है, जो खबर की तह तक जाती हैं और कभी-कभी तो तहसील तक भी।
सम्मान का असली अर्थ
कार्यक्रम प्रभारी शोभा देवी शर्मा के अनुसार, यह समारोह केवल मंच पर माल्यार्पण तक सीमित नहीं है, बल्कि स्व. बंशीलाल शर्मा जी की स्मृति को जीवंत बनाए रखने का प्रयास है।
उनके परिजनों द्वारा प्रतिवर्ष ऐसे प्रतिभा सम्मान आयोजित किए जाते हैं और इस बार ये कलम के सिपाहियों के नाम।
वक्ता मंच: सिर्फ बोलता नहीं, बदलाव करता है
तीन दशक से ज्यादा वक्त से वक्ता मंच न केवल मंच संचालन और रंगोली प्रतियोगिता करवा रहा है, बल्कि गांव-गांव से छुपी प्रतिभाओं को ढूंढ-ढूंढकर उन्हें मुख्यधारा में ला रहा है। समारोह में न आ पाने वाले पत्रकारों को घबराने की जरूरत नहीं । सम्मान श्रृंखला जारी रहेगी, क्योंकि सम्मान तो भावना है, पोस्टर नहीं।
तो रहें तैयार — 8 जून, शाम 5 बजे, वृंदावन सभागृह, रायपुर।
कलमकारों का जलसा है,
सम्मान भी होगा और आत्ममंथन भी।
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