हिमांशु साँगाणी/गरियाबंद
गरियाबंद छत्तीसगढ़ के आधार ऑपरेटरों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए 18 से 20 नवंबर 2024 तक तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह हड़ताल, जो शायद आश्वासन संग्रह महोत्सव बनकर रह जाएगी, अधिकारियों को नींद से जगाने में सफल होती है या नहीं।
सरकार चाहे तो हस्तक्षेप करके समाधान निकाल सकती है ।
लगभग 2000 ऑपरेटर, जो वर्षों से आधार पंजीकरण और अपडेट का कार्य कर रहे हैं, अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। UIDAI की नई गाइडलाइनों के तहत सरकारी परिसरों में आधार केंद्र स्थानांतरित करने की घोषणा हुई, लेकिन CHiPS एजेंसी से आधार किट मुहैया कराने की योजना कागजों पर ही रह गई। लगता है, सरकार चाहे तो इस मामले में हस्तक्षेप करके समाधान निकाल सकती है किट वितरण योजना भी सरकारी आलस के संग्रहालय में जगह पा चुकी है।
ऑपरेटरों की हड़ताल का सीधा असर जनता को जनहित के कार्य हो जाएंगे ठप ।
ऑपरेटरों ने बीमा की मांग भी की है, जिससे दुर्घटना के बाद उनके परिजन सुरक्षित रहें। अगर समाधान नहीं मिला तो ऑपरेटरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है। अब देखना होगा कि इस हड़ताल से अधिकारी जागेंगे या यह भी फाइलों की भूलभुलैया में कहीं खो जाएगी। जनहित के कार्यों का ठप होना लगभग तय है, पर शायद इससे भी किसी को फर्क न पड़े—आखिरकार, सरकारी उदासीनता में कोई नई बात तो नहीं।