उड़ीसा से शराब लाकर छत्तीसगढ़ में खपाते दो आरोपी गिरफ्तार , मामले का मास्टर माइंड तथाकथित पत्रकार अख्तर मेमन फरार ।

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By Himanshu Sangani

गरियाबंद / अमलीपदर: क्या कोई पत्रकार शराब तस्करी का मास्टरमाइंड हो सकता है? चुनावी आचार संहिता लागू होने के बावजूद छत्तीसगढ़ में उड़ीसा से शराब तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें तथाकथित पत्रकार अख्तर मेमन पिता हारून मेमन निवासी अमलीपदर का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरा है। पुलिस ने 182 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन इस खेल का असली किंगपिन अख्तर मेमन फिलहाल फरार है।

फरार आरोपी अख्तर मेमन ।

बिरिघाट नदी के किनारे छुपी थी शराब की खेप

गुप्त सूचना के आधार पर जब अमलीपदर पुलिस ने छापा मारा, तो बिरिघाट नदी किनारे खेतों में शराब का बड़ा जखीरा छुपा मिलापुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों लोकेश्वर कुमार साहू (24) और अरुण त्रिपाठी (45) ने कबूल किया कि वे अख्तर मेमन के कहने पर उड़ीसा से शराब लाकर चुनाव के दौरान इसे सीमावर्ती ढाबों में बेच रहे थे

पत्रकार की आड़ में तस्करी का गोरखधंधा?

पत्रकारिता को बदनाम करने वाले आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस सूत्रों की मानें तो अख्तर मेमन का नाम पहले भी अवैध कारोबार से जुड़ा रहा है, लेकिन पत्रकारिता की आड़ में वह अब तक बचता रहा है सबसे बड़ा सवाल क्या मीडिया का धंधा सिर्फ दिखावा है और असली कमाई शराब तस्करी से हो रही थी? इस सवाल का जवाब पुलिस की जांच से ही सामने आएगा।

कुछ दिनों पहले भी शराब की बड़ी मात्रा में सप्लाई का हुआ था खुलासा!

23 जनवरी को भी इसी इलाके से 223 लीटर शराब पकड़ी गई थी और इस मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया गया था , सूत्रों की माने तो इस मामले के तार भी अख्तर मेमन से जुड़े हुए थे । लेकिन वो उस समय बच गया था लेकिन कहते है न कानून के हाथ लंबे होते है । इस बार गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने उसके कहने पर शराब लाने और बेचने की बात कबूल कर ली है

एसपी का बड़ा एक्शन, जल्द होगी गिरफ़्तारी

एसपी निखिल राखेचा ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। थाना प्रभारी फैजुल शाह के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ धारा 34(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और फरार आरोपी की तलाश में पुलिस की टीम लगातार दबिश दे रही है।

अख्तर मेमन के नेटवर्क पर पुलिस की नजर

सूत्रों के मुताबिक, अख्तर मेमन का नेटवर्क सिर्फ अमलीपदर तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके तार ओडिशा से लेकर अन्य जिलों तक फैले हो सकते हैं। पुलिस अब यह भी जांच रही है कि उसके संपर्क में और कौन-कौन लोग थे, जो इस धंधे में शामिल हो सकते हैं।

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अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

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