आखिरकार नप गए छुरा BRC हरीश देवांगन की शानदार कार्यशैली का मिला इनाम, वापस स्कूल भेजे गए ।

Sangani

By Sangani

रिपोर्टर …. पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

​आखिरकार नप गए छुरा BRC हरीश कुमार देवांगन को शिकायतों और लापरवाही के बाद पद से विमुक्त कर दिया गया है। जानें कैसे गिरदावली कार्य को नजरअंदाज करना पड़ा भारी।

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छुरा। लंबे समय से चल रही शिकायतों और आरामपसंद कार्यशैली के बाद आखिरकार प्रशासन की नींद टूट ही गई है। छुरा के विकासखंड स्रोत समन्वयक (BRC) हरीश कुमार देवांगन को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कृत करते हुए पद से हटा दिया गया है। जी हाँ, उन्हें BRC की कुर्सी से उठाकर वापस उनकी मूल संस्था, यानी हायर सेकेंडरी स्कूल परसदाकला (फिंगेश्वर) भेज दिया गया है, जहाँ वे पहले व्याख्याता थे। यह फैसला उन पर लगे आरोपों और उनकी वर्क-लाइफ बैलेंस वाली कार्यशैली को देखते हुए लिया गया है, जहाँ वे काम को कम और बाकी चीजों को ज्यादा तवज्जो दे रहे थे।

​आखिरकार नप गए छुरा BRC

आखिरकार नप गए छुरा BRC गिरदावली का काम? वो क्या होता है!

​मामले का सबसे मजेदार पहलू गिरदावली कार्य है। यह शासन का एक महत्वपूर्ण काम है, जिसे BRC साहब को संकुल समन्वयकों के माध्यम से समय पर पूरा कराना था। लेकिन लगता है, देवांगन साहब के लिए यह काम उनकी प्राथमिकता सूची में कहीं था ही नहीं।​सूत्रों की मानें तो साहब ने इस काम में इतनी गहरी दिलचस्पी दिखाई कि काम समय पर पूरा ही नहीं हुआ। आलम यह था कि BRC की लापरवाही का खामियाजा बेचारे संकुल समन्वयकों को भुगतना पड़ सकता था और उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही थी। मतलब, करे कोई और भरे कोई वाली स्थिति लगभग आ ही गई थी।

जब समन्वयकों ने ही खोल दिया मोर्चा

​BRC हरीश देवांगन की कार्यशैली इतनी निराली थी कि उनके अधीन काम करने वाले संकुल समन्वयक ही त्राहिमाम कर उठे। एक-दो नहीं, बल्कि शिकायतों का पूरा पुलिंदा ऊपरी दफ्तर पहुँच गया। समन्वयकों ने आरोप लगाया कि समग्र शिक्षा के कार्यों में साहब की शिथिलताbदेखने लायक थी। जब पानी सिर से ऊपर चला गया, तो इन विभिन्न शिकायतों और आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया। समिति ने शायद पाया कि ‘साहब’ वाकई BRC पद की गरिमा के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं।

और मिल गया रिटर्न टिकट

​जांच और शिकायतों को सही पाते हुए, आज विभाग ने BRC हरीश कुमार देवांगन को पद से विमुक्त करने का फरमान जारी कर दिया। उन्हें तत्काल प्रभाव से BRC के सिंहासन से उतारकर वापस उनके ‘गुरुकुल’ (स्कूल) भेज दिया गया है। उम्मीद है कि अब छुरा BRC कार्यालय में काम की रुकी हुई फाइलें चल पड़ेंगी और गिरदावली का अटका हुआ काम भी जल्द पूरा हो जाएगा।

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