मुरहा परिवार की लौटी खुशियां भूख हड़ताल पर बैठे तो प्रशासन जागा कलेक्ट्रेट के बाहर तपे, तब जाकर खेत में बुवाई करने पहुंचे नागेश जी ।

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

मुरहा परिवार की लौटी खुशियां Pairi Times की रिपोर्ट का असर, भूख हड़ताल के बाद मुरहा नागेश को मिला पुश्तैनी ज़मीन पर हक, प्रशासन ने दिलवाया कब्जा, खेत में हुई बुवाई ।

गरियाबंद में प्रशासनिक नींद तोड़ने का नया फार्मूला सामने आया है भूख हड़ताल करो, टीवी वालों को बुलाओ, आत्मदाह की धमकी दो, फिर देखो कैसे ज़मीन भी मिलती है और बीज भी जी हां, हम बात कर रहे हैं अमलीपदर ग्राम के खरीपथरा निवासी मुरहा नागेश की, जो कल तक कलेक्ट्रेट के बाहर बारिश में भीग-भीगकर भूख हड़ताल पर बैठे थे और आज उसी मिट्टी में बीज बोते हुए भावुक हो उठे। मतलब कल जो धरती मां थी, आज वही खेत की मालकिन बन गई ।

आज की तस्वीर

मुरहा परिवार की लौटी खुशियां

मुरहा परिवार की लौटी खुशियां

मुरहा परिवार की लौटी खुशियां पैरी टाइम्स ने कल दिनभर मुरहा परिवार की मांग उठाया

Pairi Times 24×7 ने इस मुद्दे को शुरू से ही उठाया। हमारी खबरों में जब मुरहा की सूखती आंखें और कलेक्ट्रेट की भीगी दीवारें दिखाई दीं, तभी प्रशासन की आंखों में नमी और दिल में डर पैदा हुआ। इसके बाद क्या था, देवभोग SDM साहब रातों-रात चमत्कारी अंदाज़ में कागज़ पर लिखित आश्वासन ले आए।

कल की तस्वीर

आज सुबह सुबह जैसे ही अधिकारी पहुंचे नागेश परिवार हुआ भावुक

सुबह-सुबह SDM, तहसीलदार और पुलिस की पूरी बारात लेकर खेत पहुंचे और मुरहा जी से बोले आ जाइए सरकार, अब आपकी ही सरकार है! मुरहा नागेश ने बीज बोया और प्रशासन ने चैन की सांस। लेकिन इस पूरे प्रकरण में कब जागे अफसर का सवाल वैसा ही अनुत्तरित है, जैसे अफसरों की मीटिंग में रखा जलपान दिखता सबको है, मिलता चंद को।

क्या अब ऐसे ही न्याय की चौखट पर दरवाजा खटखटाना पड़ेगा

गांव वालों का कहना है कि अगर भूख से इंसाफ मिलता है, तो अगली बार कुपोषण न्याय यात्रा निकाली जाएगी खाओ मत, अधिकार पाओ थीम के साथ। अब सवाल ये है कि क्या हर नागेश को यूं ही भूख और आंसुओं से ज़मीन पानी करनी पड़ेगी? या प्रशासन कभी खुद चलकर भी जाएगा, बिना कैमरा, बिना धमकी, बिना भूख के?

Pairi Times 24×7 यही सवाल लेकर फिर लौटेगा – अगली खबर में, अगली भूख में

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अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

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