हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद के राजिम-फिंगेश्वर-महासमुंद मार्ग से गुजरते समय अगर आपकी नजर एक पुराने इमली के पेड़ पर पड़ी तो वहां लटके कपड़े, नींबू, और चूड़ियां देखकर आप भी सहम सकते हैं। यह पेड़ स्थानीय लोगों के बीच एक अजीब रहस्यमय मान्यता से जुड़ा है, जिसे देख सुनकर कोई भी चौंक सकता है। भूत-प्रेत, जादू-टोना, तंत्र-मंत्र की कहानियों से जुड़ा यह पेड़ लोगों को दूर से ही डराने के लिए काफी है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई कुछ और ही है।
अंधविश्वास, आस्था या परम्परा आज भी बड़ा सवाल ।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह सिर्फ अंधविश्वास नहीं बल्कि एक परंपरा है। मान्यता है कि जब नवजात शिशु या नवविवाहित जोड़ी पहली बार इस मार्ग से गुजरते हैं, तो उन्हें इस इमली के पेड़ पर कपड़े का टुकड़ा, चूड़ी, या नींबू चढ़ाना होता है। ऐसा न करने पर माना जाता है कि बच्चा रातभर रोता है और नवविवाहित जोड़े के जीवन में बाधाएं आती हैं। यही कारण है कि पीढ़ी दर पीढ़ी लोग इस परंपरा का पालन करते आ रहे हैं।
गरियाबंद की अनोखी कहानियों में शुमार रहस्यमय पेड़ ।
रहस्यमय माहौल और पेड़ पर लटके वस्त्रों और चूड़ियों के कारण इस स्थान का दृश्य किसी डरावनी फिल्म के दृश्य जैसा प्रतीत होता है। हालांकि, यह सवाल अब भी खड़ा है कि यह कितना सच है और कितना महज एक प्रचलित फसाना। क्या यह परंपरा सिर्फ अंधविश्वास है या इसके पीछे कुछ वास्तविक अनुभव छिपे हैं? जो भी हो, इस इमली के पेड़ की ओर देखते ही एक रोमांचक और अनसुलझा रहस्य महसूस होता है, जो इसे गरियाबंद की अनोखी कहानियों में शामिल करता है।