क्या सच में बंद हो जाएंगे 10 हजार से ज़्यादा स्कूल? गरियाबंद में कांग्रेस ने उठाए सवाल ।

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By Sangani

हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

क्या सच में बंद हो जाएंगे 10 हजार से ज़्यादा स्कूल कांग्रेस ने शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण के खिलाफ उठाई आवाज। क्या प्रदेश में 10,000 से ज्यादा स्कूल बंद होने जा रहे हैं? पढ़ें पूरी खबर और जानिए कैसे प्रभावित होंगे शिक्षक और ग्रामीण रोजगार।

गरियाबंद राज्य की भाजपा सरकार द्वारा शिक्षा विभाग में लागू किए जा रहे युक्तियुक्तकरण के खिलाफ अब कांग्रेस सड़कों पर उतरने जा रही है। गरियाबंद जिले में कांग्रेस भवन द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई है, जिसमें सरकार की इस रोजगार विरोधी नीति का विरोध दर्ज किया जाएगा।

क्या सच में बंद हो जाएंगे 10 हजार से ज़्यादा स्कूल

क्या सच में बंद हो जाएंगे 10 हजार से ज़्यादा स्कूल

क्या सच में बंद हो जाएंगे 10 हजार से ज़्यादा स्कूल सरकार की नीति से 45 हजार शिक्षकों का भविष्य अधर में ?

कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेशभर के 10,463 स्कूलों को बंद करने की तैयारी है, जिससे लगभग 45,000 शिक्षकों के पद खत्म हो जाएंगे। इससे न केवल शिक्षकों, बल्कि रसोईया, चपरासी, स्वीपर, महिला समूहों और स्थानीय युवाओं के रोजगार पर भी सीधा प्रभाव पड़ेगा। पार्टी का कहना है कि यह कदम ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चौपट कर देगा।

गरियाबंद में कांग्रेस का हल्ला बोल, 6 जून को प्रेस को करेंगे संबोधित विधायक निषाद और जिलाध्यक्ष साहू

इस मुद्दे पर कांग्रेस ने शुक्रवार, दिनांक 06 जून 2025 को दोपहर 3 बजे, गरियाबंद के पुराना रेस्ट हाउस (देवभोग रोड) में एक प्रेस वार्ता बुलाई है। इस प्रेस वार्ता को विधायक श्री कुंवर निषाद (गुंडरदेही) और जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री भाव सिंह साहू संबोधित करेंगे। शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रेम सोनवानी ने सभी पत्रकारों से अधिक संख्या में उपस्थित रहने की अपील की है।

विधायक कुंवर निषाद ने कहा है, भाजपा सरकार की यह नीति केवल आंकड़ों में सुधार दिखाने के लिए लाई जा रही है, जबकि जमीनी हकीकत में हजारों परिवारों का भविष्य इससे प्रभावित होगा। कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और हर मंच पर इसका विरोध करेगी।

जिलाध्यक्ष भाव सिंह साहू ने कहा, यह नीतियां युवाओं के लिए नौकरी के दरवाजे बंद करने वाली हैं। सरकार शिक्षा को समाप्त करने पर तुली है।

यह प्रेस वार्ता न केवल गरियाबंद बल्कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। अब देखना होगा कि सरकार इस विरोध को किस तरह लेती है और क्या कोई पुनर्विचार होता है।

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