रिपोर्टर हिमांशु साँगाणी, गरियाबंद, मो 822502200
गरियाबंद : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के दूरस्थ वनांचल में बसे भीमाटिकरा ग्राम के शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षा व्यवस्था बेहद खस्ताहाल है। 15 वर्षों से संचालित इस स्कूल में अब तक उचित भवन और शिक्षक की स्थायी व्यवस्था नहीं हो पाई है। यहां एक ही छोटे कमरे में कक्षा पहली से पांचवीं तक के 40 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। यदि सभी बच्चे उपस्थित हों, तो उन्हें पेड़ के नीचे पढ़ाया जाता है। स्कूल में एकमात्र शिक्षक होने के कारण पढ़ाई की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शिक्षकों की कमी: एक ही शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल
भीमाटिकरा के इस स्कूल में शासन द्वारा कोई स्थायी शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया है। एकमात्र शिक्षक व्यवस्था के तहत कार्यरत हैं, जिन्हें अन्य कार्यों के लिए बाहर जाने पर रसोईया या स्वीपर बच्चों को पढ़ाते हैं। इस गंभीर स्थिति के बावजूद, स्थानीय प्रशासन से की गई कई शिकायतों का अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है। स्कूल भवन की मांग को लेकर ग्रामवासी कई बार मैनपुर और जिला अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है।
शौचालय में प्रधान पाठक कार्यालय
विद्यालय में एक छोटे से कमरे में पढ़ाई तो होती ही है, साथ ही शौचालय को प्रधान पाठक का कार्यालय बना दिया गया है। स्कूली दस्तावेज और पुस्तकें शौचालय में रखी गई हैं, जिससे विद्यालय की बदहाली स्पष्ट होती है।
छात्रों को नहीं पता मुख्यमंत्री और कलेक्टर का नाम
स्कूल में सामान्य ज्ञान का स्तर इतना खराब है कि छात्र-छात्राओं को प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिले के कलेक्टर का नाम तक नहीं मालूम। यह स्थिति शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
प्रशासन की चुप्पी
विकासखंड शिक्षा अधिकारी महेश पटेल का कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा और शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। लेकिन अभी तक इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द समस्या का हल नहीं निकला, तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।