गरियाबंद महिला बाल विकास विभाग के मैनपुर में महिला बाल विकास विभाग की बैठक में जनपद सदस्य परमेश्वर जैन ने लगाए गंभीर आरोप कहा, आंगनबाड़ी भर्ती में धांधली और पतियों की मीटिंग में दखल से महिला सशक्तिकरण की परिभाषा ही बदल गई।
गरियाबंद जनपद पंचायत मैनपुर में हुई महिला बाल विकास विभाग की सामान्य बैठक अब चर्चा में है । कारण है कि बैठक में महिलाओं से ज्यादा उनके पति सक्रिय नज़र आए। जनपद सदस्य परमेश्वर जैन ने विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह महिला बाल विकास नहीं, पति बाल विकास विभाग बन चुका है।

गरियाबंद महिला बाल विकास विभाग की बैठक या पारिवारिक सम्मेलन?
परमेश्वर जैन ने कहा कि सामान्य सभा में चुनी हुई महिला प्रतिनिधियों की जगह उनके पतियों का सीधा हस्तक्षेप देखने को मिला। हमने सोचा था महिलाएं बोलेंगी, पर यहां तो पति परामर्श चल रहा था,उन्होंने तंज कसा। जैन के मुताबिक, महिला सशक्तिकरण के नाम पर जो बैठक बुलाई गई थी, वह अंत में पति सशक्तिकरण सम्मेलन बनकर रह गई।
आंगनबाड़ी भर्ती में धांधली का आरोप
जैन ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग मैनपुर ने नियम-कायदों को ताक पर रखकर आंगनबाड़ी भर्ती में भारी गड़बड़ी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पसंदीदा लोगों को भर्ती किया गया और योग्य उम्मीदवारों को किनारे कर दिया गया। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर जांच निष्पक्ष हुई, तो आंगनबाड़ी के दरवाज़े से कई बड़े नाम निकल आएंगे।
जनता पूछ रही पति सशक्तिकरण योजना लागू है क्या?
मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी मैनपुर की बैठक सुर्खियों में है। लोग तंज कसते हुए लिख रहे हैं अब हर मीटिंग में कुर्सी पर पत्नी और पीछे खड़ा पति, यही है नया सशक्तिकरण मॉडल। अब सबकी नज़र जिला प्रशासन पर है कि वह इस पति परिषद वाले मामले में क्या एक्शन लेता है।